उसने मोहब्बत भी हमसे, पूछ कर किया
चंद पलों तक साथ रहा, फिर कूच कर दिया।
रोका तो बोला, पूछा तो था,
मोहब्बत और सोहबत का फर्क, बयान कर दिया।
हम समझ नहीं पाए, कि कितने बदल गए, रस्म वो रिवाज,
कुछ वक्त साथ रहने का, नया तरीका, ईजाद कर दिया।
हमारी इल्म ही ऐसी थी, कि मचा दी, हाय तौबा,
वरना जिस्म की भूख में लोगों ने, रूह भी कुर्बान कर दिया।
हर बात के है, मायने, वक्त मिले तो सोचना जरूर,
इंसान ने कब से जानवर का रुख अख्तियार कर लिया।
©Sam
#mohabbat Aaj ki