आप बने आदर्श हमारे, व्यापक हमारे हुए विचार
थाम कर शिष्यों की उंगली, आप कराते नैया पार
नई दिशा जो दी आपने ,जटिलताएं सरल हो गई
सीखने के प्रयास अनेकों,धीरे-धीरे सफल हो गई
भूल हमारी करी क्षमा,और हृदय से अपनाया है
संघर्षों का सामना करना, अपने ही सिखलाया है
कमी हमेशा शेष रहेगी, आप हमेशा साथ रहे
कमियों को हम दूर करें तो,आप हमें शाबाश कहें
अपरिमित विवेक आपका, अतुलनीय अंदाज है
आप से गुरुवर के लिए,कम मेरे अल्फाज़ है
©Priya Kumari Niharika