a-person-standing-on-a-beach-at-sunset दुनियां देखती है रंग
चेहरे का , देह का
और रंग देखकर चुनती है अपनी पसंद।
देह का रंग गोरा होना चाहिए
मुमकिन हो तो दुधिया हो जाए
पर सांवला रंग नज़र नहीं चढ़ता दुनियां के ।
सांवले कृष्ण को पूजती दुनियां में
सांवली गोपियों की पूछ नहीं।
रंग देखती इस दुनियां में
तुम मत ढूंढना अपना अंधेरा और
खो न देना अपनी हँसी ।
तुम रहना बेफिक्र, मुस्कुराना खुलकर
और कहना कि रंग साफ़ होने से
दिल साफ़ नहीं होते ।
मैं नहीं जानती कि दुनियां कभी
अपना सकेगी या नहीं सांवला रंग
मैं नहीं जानती कृष्ण कैसे देते है आशीष
ऐसे रंग - भेदियों को
पर इतना जानती हूं मैं कि
प्रेम रंग नहीं देखता है।
देखता है तो केवल तुममें
एक सुंदर स्त्री....✍️
©megha
#SunSet shayari on love