डॉक्टर एक मसीहा है जो रोगी का उपचार करे, रोगी के ह | हिंदी कविता

"डॉक्टर एक मसीहा है जो रोगी का उपचार करे, रोगी के हित लड़कर जो बीमारी का संहार करे, हरदम डटा ही रहता वो क्लीनिक अस्पतालों में, मरीजों की सेवा करता और रोगों से प्रहार करे। धैर्य बंधाता परिजन को रोगी का हाल बताता है, प्राण बचाकर रोगी को नया जीवन दिखलाता है, क्या कहना आसान है इन्हें ईश्वर का दूजा रूप, इसीलिए डॉक्टर ईश्वर का दूजा रूप कहलाता है। भाता इन्हें सफेद कोट और रखते गले में स्टैथोस्कोप, सेवाभाव से करते हैं ये रोगियों के रोगों का विलोप, प्राण के रक्षक बनकर ये रोगियों के प्राण बचा लेते, प्राण की बाजी लगा देते बढ़ता जब कोई बीमारी का प्रकोप। रोगी के प्राण के रक्षक हो और ईश्वर के तुम धारण हो, रोगी निरोगी बन जाए तुम ही तो उसका एक कारण हो,  सुख-समृद्धि बरसे तुम पर खुशहाल रहे परिवार सदा, संकट कभी ना आए तुम पर तुम संकट के तारण हो।                 आदित्य यादव उर्फ "कुमार आदित्य यदुवंशी"✍️ ©Aditya Yadav"

 डॉक्टर एक मसीहा है जो रोगी का उपचार करे,
रोगी के हित लड़कर जो बीमारी का संहार करे,
हरदम डटा ही रहता वो क्लीनिक अस्पतालों में,
मरीजों की सेवा करता और रोगों से प्रहार करे।

धैर्य बंधाता परिजन को रोगी का हाल बताता है,
प्राण बचाकर रोगी को नया जीवन दिखलाता है,
क्या कहना आसान है इन्हें ईश्वर का दूजा रूप,
इसीलिए डॉक्टर ईश्वर का दूजा रूप कहलाता है।

भाता इन्हें सफेद कोट और रखते गले में स्टैथोस्कोप,
सेवाभाव से करते हैं ये रोगियों के रोगों का विलोप,
प्राण के रक्षक बनकर ये रोगियों के प्राण बचा लेते,
प्राण की बाजी लगा देते बढ़ता जब कोई बीमारी का प्रकोप।

रोगी के प्राण के रक्षक हो और ईश्वर के तुम धारण हो,
रोगी निरोगी बन जाए तुम ही तो उसका एक कारण हो, 
सुख-समृद्धि बरसे तुम पर खुशहाल रहे परिवार सदा,
संकट कभी ना आए तुम पर तुम संकट के तारण हो।


                आदित्य यादव उर्फ
             "कुमार आदित्य यदुवंशी"✍️

©Aditya Yadav

डॉक्टर एक मसीहा है जो रोगी का उपचार करे, रोगी के हित लड़कर जो बीमारी का संहार करे, हरदम डटा ही रहता वो क्लीनिक अस्पतालों में, मरीजों की सेवा करता और रोगों से प्रहार करे। धैर्य बंधाता परिजन को रोगी का हाल बताता है, प्राण बचाकर रोगी को नया जीवन दिखलाता है, क्या कहना आसान है इन्हें ईश्वर का दूजा रूप, इसीलिए डॉक्टर ईश्वर का दूजा रूप कहलाता है। भाता इन्हें सफेद कोट और रखते गले में स्टैथोस्कोप, सेवाभाव से करते हैं ये रोगियों के रोगों का विलोप, प्राण के रक्षक बनकर ये रोगियों के प्राण बचा लेते, प्राण की बाजी लगा देते बढ़ता जब कोई बीमारी का प्रकोप। रोगी के प्राण के रक्षक हो और ईश्वर के तुम धारण हो, रोगी निरोगी बन जाए तुम ही तो उसका एक कारण हो,  सुख-समृद्धि बरसे तुम पर खुशहाल रहे परिवार सदा, संकट कभी ना आए तुम पर तुम संकट के तारण हो।                 आदित्य यादव उर्फ "कुमार आदित्य यदुवंशी"✍️ ©Aditya Yadav

#Doctors

People who shared love close

More like this

Trending Topic