- दोहा - 1- अपनी-अपनी ढपलियाँ, अपना-अपना राग। लगा रहे नेता सभी, जाति धर्म की आग।। 2- साध रहे हैं जो सभी, अपना-अपना स्वार्थ। वे औरों से कह रहे, करो सदा परमार्थ।। - हरिओम श्रीवास्तव - ©Hariom Shrivastava #GoldenHour हिंदी कविता Quotes, Shayari, Story, Poem, Jokes, Memes On Nojoto