White कल्पनाओ के खग आकाश मे विचरणनकर रहे है हो स | हिंदी Poetry

"White कल्पनाओ के खग आकाश मे विचरणनकर रहे है हो सकता है ये खग क्षितज से टकरा कर बिखर न गए हो उस भिक्षुक की पुकार्. मे गजब की भव्यता दिख रहीं है लगता था जैसे वो ईश्वर से सीधा सवाद कर रहा हो ©Parasram Arora"

 White कल्पनाओ के खग 
आकाश मे विचरणनकर रहे है 
हो सकता है ये 
खग क्षितज से टकरा
 कर बिखर न गए  हो 

उस भिक्षुक की  
पुकार्. मे  गजब की 
भव्यता दिख रहीं है 

लगता था जैसे वो 
 ईश्वर से सीधा
 सवाद कर रहा  हो

©Parasram Arora

White कल्पनाओ के खग आकाश मे विचरणनकर रहे है हो सकता है ये खग क्षितज से टकरा कर बिखर न गए हो उस भिक्षुक की पुकार्. मे गजब की भव्यता दिख रहीं है लगता था जैसे वो ईश्वर से सीधा सवाद कर रहा हो ©Parasram Arora

कल्पनाओ के खग

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