White संस्कारों से सजी कैन्डेल, सड़कों पर जब लाओग | हिंदी कविता

"White संस्कारों से सजी कैन्डेल, सड़कों पर जब लाओगी। सांत्वना की मिलीं थपकियाँ, रोकर चुप हो जाओगी।। लक्ष्मी बनना छोड़ो अब तुम, फिर से चंडी बन जाओ। ऑंख उठाकर देखे तुमको, उसको खुद ही निगल जाओ।। जो दुष्टों का करती मर्दन , उसको क्या दुष्ट सताएंगे। जब उठे शेरनी का गर्जन, भेड़िए स्वयं भग जाएंगे।। ©शुभम मिश्र बेलौरा"

 White संस्कारों से सजी कैन्डेल, 
सड़कों पर जब लाओगी।
सांत्वना की मिलीं थपकियाँ,
रोकर चुप हो जाओगी।।
लक्ष्मी बनना छोड़ो अब तुम,
फिर से चंडी बन जाओ।
ऑंख उठाकर देखे तुमको,
उसको खुद ही निगल जाओ।।
जो दुष्टों का करती मर्दन  , 
उसको क्या दुष्ट सताएंगे। 
जब उठे शेरनी का गर्जन, 
भेड़िए स्वयं भग जाएंगे।।

©शुभम मिश्र बेलौरा

White संस्कारों से सजी कैन्डेल, सड़कों पर जब लाओगी। सांत्वना की मिलीं थपकियाँ, रोकर चुप हो जाओगी।। लक्ष्मी बनना छोड़ो अब तुम, फिर से चंडी बन जाओ। ऑंख उठाकर देखे तुमको, उसको खुद ही निगल जाओ।। जो दुष्टों का करती मर्दन , उसको क्या दुष्ट सताएंगे। जब उठे शेरनी का गर्जन, भेड़िए स्वयं भग जाएंगे।। ©शुभम मिश्र बेलौरा

#diwali_wishes बेटियां

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