White दोहा मानवता मरने लगी, छल का बढ़ता शोर । आद | हिंदी विचार

"White दोहा मानवता मरने लगी, छल का बढ़ता शोर । आदर्श बेखबर हुए, आभासी का दौर।। ©सुरेश अनजान"

 White  
दोहा
मानवता मरने लगी, छल का बढ़ता शोर ।
आदर्श बेखबर हुए, आभासी का दौर।।

©सुरेश अनजान

White दोहा मानवता मरने लगी, छल का बढ़ता शोर । आदर्श बेखबर हुए, आभासी का दौर।। ©सुरेश अनजान

आज का विचार Anjali Maurya Medha Bhardwaj Chanchal's poetry Anjna Agrawal Aditi Agrawal @Srashti kakodiya.. @Anshu writer @indu singh Swati kashyap @Adv. saras shivanujaa

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