जीत लूँगा मैं जहाँ को जो तेरा साथ रहे।
मेरे मालिक मिरेसर पे जोतिरा साध रहे।।
तुम जो हो साथ मेरे तो डगर ढूंढ ही लूँगा।
काँटों का हो जंगल या काली रात रहे।।
डा•मनोज कुमार सिंह
©Dr B N Mahto
#जीतलूँगा
डॉ मनोज सिंह,बोकारो स्टील सिटी,झारखंड। (कवि,संपादक,अंकशास्त्री,हस्तरेखा विशेषज्ञ 7004349313) @narendra bhakuni @Rakesh Srivastava @Patel Vink @Rakesh Kumar Das