पल्लव की डायरी
घटाये कर के अँधेरा
भरे बादलो को बरसात से दूर ले गयी
लगता है जैसे रिश्वत किसी से लेकर
महफूज जगह बरसने के लिये ले गयी
प्यासे हम सब हलल सूख रहे है
लालचों के चलते नैतिकता के भाव
दुनियॉ से विदा हो रहे है
कष्ट में है सच्चे सरल लोग
मार्ग उनके चतुर लोग छल रहे है
प्रवीण जैन पल्लव
©Praveen Jain "पल्लव"
#atthetop कष्ट में है सीधे सरल लोग चतुर लोग उनके मार्ग छल रहे है
#nojotohindi