आँसू तेरे मिले मुझे
हों मेरे, तेरे गम
दुनिया की अब किसे पड़ी
हैं सिर्फ़ तेरे हम
अगले जनम में फ़िर ये
तेरा साथ हो न हो
शायद फ़िर इस जनम में
मुलाक़ात हो न हो
लग जा गले कि फ़िर ये
हसीं रात हो न हो!!
_प्रज्ञा चन्द्र
©Pragya Chandra
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