ख्वाबोंकी मेरे ताबीर बता दे कोई! बेइंतहा बेताबियों | हिंदी Poetry

"ख्वाबोंकी मेरे ताबीर बता दे कोई! बेइंतहा बेताबियोंकी वजह बता दे कोई! खामोशियां, तन्हाईयां आफियत नजर आए! ये हुआ क्या है मुझे बस ये बतला दे कोई! ©Principal Azhar Golandaj"

 ख्वाबोंकी मेरे
ताबीर बता दे कोई!
बेइंतहा बेताबियोंकी
वजह बता दे कोई!
खामोशियां, तन्हाईयां
आफियत नजर आए!
ये हुआ क्या है मुझे
बस ये बतला दे कोई!

©Principal Azhar Golandaj

ख्वाबोंकी मेरे ताबीर बता दे कोई! बेइंतहा बेताबियोंकी वजह बता दे कोई! खामोशियां, तन्हाईयां आफियत नजर आए! ये हुआ क्या है मुझे बस ये बतला दे कोई! ©Principal Azhar Golandaj

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