है आरजू इस दिल की,,,
अगर खुद को मिटा कर भी जग रोशन करना पड़े,
हे प्रभु दिल में बस आप सदा इतना हौंसला दीजिए,
परहित , परोपकार में सदा व्यतीत हो हर दिन हमारा,
आप बस हम दीनों पर सदा ये उपकार कीजिए,।
जलती मोमबत्ती सा ये जीवन सफर हो हमारा,
खुद भले ही हम मिट जाएं, करें जगमग जग सारा,
मानव होकर बने रहे सदा हम मानवता के पुजारी,
जलती बाती सा उज्ज्वल हो ये जीवन हमारा ।
©Dayal "दीप, Goswami..
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