प्रेम रंग शांवल, रूप आग,
आंखों में झील है, ये तुम्हारी..।।
रूप अप्सरा केश बादल,
रूह पाक है, ये तुम्हारी..।।
कमल अधर, देह ऐश्वरिया,
शांत चंचल मन है, ये तुम्हारी..।।
फिर भी मन में उमंग है, दिल में हजारों दर्द लेके, दर्द भारी ये दिल है तुम्हारी..।।
चाह की इच्छा, राह की डगर ढूंढे नज़र ये तुम्हारी..।।
नज़र की चाह खत्म न हो ये इच्छा है हमारी..।।
©Yuvraj Singh
#इच्छा ki jaan