संवार मुझे
ऐ खुदा ज़िन्दगी जो दे मेरी संवार मुझे
यूहीं मिलती रहे माँ की दुआ दुलार मुझे
हर बुराई से बचाए जो वो तासीर मिले
रहूँ रौशन मैं जमाने में वो जागीर मिले
बदल कर रख दूं जमाने को तक्दिर मिले
मिटा दूँ इल्म से बुराई वो शमसीर मिले
नेमतें - नेकी से रग -रग को मेरे भर देना
हाँ जुदा जहाँ की बुराई से मुझे कर देना
जर्रे- जर्रे से हो उल्फत वो सलिका दे मुझे
ज़मीने- फर्स पे जीने का तरीका दे मुझे
न बुरा दिन मुझे कभी दिखाना या रब मेरे
न मुहताज मझे कभी बनाना या रब मेरे
हां मिलती रहे जहाँ की खुशी बहार मुझे
यूहीं मिलती रहे माँ की दुआ दुलार मुझे
(जौहर डुमराँवीं)
©Liyakt Khan
#MeriEid