ऐ दोस्त तुम्हें सेर सुनाना नहीं पड़ता. गम जिस्म से
"ऐ दोस्त तुम्हें सेर सुनाना नहीं पड़ता.
गम जिस्म से आगे बढ़ाना नहीं पड़ता.
जो मुझको सुने तुमसे'समझे न मेरे सेर.
वो सेर मुझे उसको सुनाना नहीं पड़ता.
#अखलाक_साहिर"
ऐ दोस्त तुम्हें सेर सुनाना नहीं पड़ता.
गम जिस्म से आगे बढ़ाना नहीं पड़ता.
जो मुझको सुने तुमसे'समझे न मेरे सेर.
वो सेर मुझे उसको सुनाना नहीं पड़ता.
#अखलाक_साहिर