इस दिल को है आराम कहाँ । दिल तो है इक बंजारा बंजा | हिंदी कविता Video

"इस दिल को है आराम कहाँ । दिल तो है इक बंजारा बंजारे का है धाम कहाँ इस दिल को है आराम कहाँ । दिल तो है इक यायावर है सुबह यहाँ तो शाम वहाँ इस दिल को है आराम कहाँ । बड़ा कमासुत है यह दिल अब काम यहाँ फिर काम वहाँ इस दिल को है आराम कहाँ । भावों के भव सागर में ग़ोते खाना इसकी दुनिया इस दिल को है आराम कहाँ । ©Hari Shanker Kumar "

इस दिल को है आराम कहाँ । दिल तो है इक बंजारा बंजारे का है धाम कहाँ इस दिल को है आराम कहाँ । दिल तो है इक यायावर है सुबह यहाँ तो शाम वहाँ इस दिल को है आराम कहाँ । बड़ा कमासुत है यह दिल अब काम यहाँ फिर काम वहाँ इस दिल को है आराम कहाँ । भावों के भव सागर में ग़ोते खाना इसकी दुनिया इस दिल को है आराम कहाँ । ©Hari Shanker Kumar

#इस दिल को है आराम कहाँ ?

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