"बहुत टूटना तो गले से लगाना,
यूं घण्टों सुनेंगे, हमें सब बताना।
बताना की कैसे हमें तुम मिली थी,
बताना की कितना बुरा है ज़माना।
तुम्हारे लिए नई दुनिया बनेंगे, जिसमें औरों को आने की इजाज़त नहीं है।
तुम्हें यूं आंसू बहाने की इजाज़त नहीं है।
©Alok Garg Kumar Shukla"