उम्मीद ना जाने कितने गम दिल में दबाएं हुए है जाहिर | हिंदी शायरी

"उम्मीद ना जाने कितने गम दिल में दबाएं हुए है जाहिर भी अब किससे करे जिनसे उम्मीद रखी थी हमने अब वही उनके गम सुना रहे है ©Shabdoka Sagar"

 उम्मीद
ना जाने कितने गम दिल में दबाएं हुए है
जाहिर भी अब किससे करे
जिनसे उम्मीद रखी थी हमने
अब वही उनके गम सुना रहे है

©Shabdoka Sagar

उम्मीद ना जाने कितने गम दिल में दबाएं हुए है जाहिर भी अब किससे करे जिनसे उम्मीद रखी थी हमने अब वही उनके गम सुना रहे है ©Shabdoka Sagar

उम्मीद
ना जाने कितने गम दिल में दबाएं हुए है
जाहिर भी अब किससे करे
जिनसे उम्मीद रखी थी हमने
अब वही उनके गम सुना रहे है
#shabdokasagar
#Life #Zindagi #Quote #gajal

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