कभी भूल न जाएं बीता हुआ कोई गमगीन लम्हा इ | हिंदी शायरी

"कभी भूल न जाएं बीता हुआ कोई गमगीन लम्हा इसलिए.. पग–पग पर कुछ घाव लगने भी ज़रूरी हैं। रोना ही आदत न बन जाए कहीं इसलिए... समय के साथ खुद में कुछ बदलाव भी जरुरी हैं। कभी हॅंस लें जी भर तो.. कभी थोड़े रुआँसे भी हो जाएं, हाल कोई भी हो लेकिन, मुस्कुराते रहने और खीझने के ये चाव भी बहुत ज़रूरी हैं। ©Deepa Ruwali"

 कभी भूल न जाएं बीता हुआ कोई गमगीन लम्हा
         इसलिए..
 पग–पग पर कुछ घाव लगने भी ज़रूरी हैं।
    रोना ही आदत न बन जाए कहीं
       इसलिए...
  समय के साथ खुद में कुछ बदलाव भी जरुरी हैं।
      कभी हॅंस लें जी भर तो..
  कभी थोड़े रुआँसे भी हो जाएं,
   हाल कोई भी हो लेकिन,
   मुस्कुराते रहने और खीझने के ये चाव भी बहुत ज़रूरी हैं।

©Deepa Ruwali

कभी भूल न जाएं बीता हुआ कोई गमगीन लम्हा इसलिए.. पग–पग पर कुछ घाव लगने भी ज़रूरी हैं। रोना ही आदत न बन जाए कहीं इसलिए... समय के साथ खुद में कुछ बदलाव भी जरुरी हैं। कभी हॅंस लें जी भर तो.. कभी थोड़े रुआँसे भी हो जाएं, हाल कोई भी हो लेकिन, मुस्कुराते रहने और खीझने के ये चाव भी बहुत ज़रूरी हैं। ©Deepa Ruwali

#ArabianNight #SAD #Poetry

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