Unsplash एक दफा एक तस्वीर बनाई थी
एक सुनहरे रंग से पर मालुम न था
जिस तस्वीर को सजा रहीं हूं इस वक्त
वहीं तस्वीर मेरा क़ातिल बन मुझी को
बर्बादी के मोड़ पर छोड़ जाएगा
एक सुबह कि धुप के चाह में मुझी को
अंधेरे की चादर ओढ़ा जाएगा...
©प्रज्ञा
#wast of time