आश होगी ना, कोई ठिकाना होगा
ज़ख्म की तर्ज पर ही बिताना होगा
मेरा दिल कैसे भूल जाय चोट अपनी
वक्त के गर्त में, ही अब दिखाना होगा
नाम रटते रटते वो सब कुछ भूल गया
आखों से ओझल वो कहां दीवाना होगा
आस्मां भर गया है यहां रफ़ीको से चलो
राहगीर भी छोटे देखो कहां ठिकाना होगा
©SHIVAM MISHRA
#Love
#Life❤
#khayal Sircastic Saurabh @+-InNocEnT BeWafa-+ କିଶାନ୍ अdiति Sonia Anand
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