सूनी पड़ी है जो गलियां आज उनमें कभी हुड़दंग मचाया | हिंदी Shayari

"सूनी पड़ी है जो गलियां आज उनमें कभी हुड़दंग मचाया करते थे लगाते हैं जो शीशे घर में उन्हें कभी हम भी चटकाया करते थे ना चटकते हैं शीशे अब ना मचता है शोर गली में क्योंकि यह सारे कारनामे हम कमीने यार किया करते थे"

 सूनी पड़ी है जो गलियां आज उनमें कभी हुड़दंग मचाया करते थे लगाते हैं जो शीशे घर में उन्हें कभी हम भी चटकाया करते थे ना चटकते हैं शीशे अब ना मचता है शोर गली में क्योंकि यह सारे कारनामे हम कमीने यार किया करते थे

सूनी पड़ी है जो गलियां आज उनमें कभी हुड़दंग मचाया करते थे लगाते हैं जो शीशे घर में उन्हें कभी हम भी चटकाया करते थे ना चटकते हैं शीशे अब ना मचता है शोर गली में क्योंकि यह सारे कारनामे हम कमीने यार किया करते थे

Ritika suryavanshi pooja negi# Aisha-bano ♥️ Suman Zaniyan @vidushi MISHRA

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