सूनी पड़ी है जो गलियां आज उनमें कभी हुड़दंग मचाया करते थे लगाते हैं जो शीशे घर में उन्हें कभी हम भी चटकाया करते थे ना चटकते हैं शीशे अब ना मचता है शोर गली में क्योंकि यह सारे कारनामे हम कमीने यार किया करते थे
मिला है जब से तू जीवन खुशहाल हो गया
तेरे बिना जीना अब दुश्वार हो गया कहते थे जो एक मुलाकात में मोहब्बत नहीं होती
मुझे तो तुझसे आंखों ही आंखों में प्यार हो गया
मुश्किल घड़ी और दोस्त छोड़ा था मुश्किल घड़ी में जब सब ने साथ मेरा
हो गया था अकेला मैं और चारों ओर सिर्फ अंधेरा
पांव तले जमीन थी सर तले आसमान था बस था मेरा दोस्त मौजूद वहां जब छोड़ रहा मैं यह जहां था
डीआरएम गोयल
टूटा दिल Day 04 फटी जो आत्मा मेरी उसे लिया था मैंने सील
गया जब मुझे छोड़ कर मिलने को तड़पा तिल तिल
भूलाकर सारे शिकवे गिले वापस आजा मेरी जिंदगी में
वरना तू ही बता कैसे जिऊंगा मैं लेकर यह #टूटा दिल
#डीआरएम गोयल
बेशर्त दोस्ती बचपन में सब साथ हुआ करते थे हर मोह माया से दूर हुआ करते थे ना मतलब था जात से ना मतलब था धर्म से बस उस वक्त #बेशर्त दोस्त हुआ करते थे
डी.आर.एम गोयल
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