"हर बार खुद को तुझसे
दूर करने की सोचता हूं ,
पर हर बार कमबख्त ये दिल
फिर से तुम्हारे खयालों में
उलझ सा जाता है..
तुम्हारे खयालों को
खुद से कैसे दूर करूं...
हर बार ही तेरा ख्याल
थोड़ा नही बेशुमार
और बेहिसाब ही आया है..
काश कुछ ऐसा हो की
तेरे ख्यालों में भी मेरा ख्याल आ जाए...
©Ak.writer_2.0
"