लिया कागज मैने,
मेरे समर्पण को प्रेम मैने लिख दिया,
न बन पाई आगे की पंक्तियां मुझसे,
तो मिटा प्रेम शब्द मैने,
वहा तुम्हे मैने लिख दिया,
और मिल गई खुशियां मुझे बस एक तेरे होने से,
तुझे माना अपना,और खुद को तेरा,मैने लिख दिया,
तेरी आवाज, तेरी आंखे,और तेरे देखने के अंदाज को,
तेरे पूछे गए सवाल,और तेरे दिए सारे जवाब को,
समेटा मैने शब्दो में और उनका एक पत्र मैने लिख दिया,
और लिया कागज मैने,
मेरे समर्पण को प्रेम मैने लिख दिया।।
©SpeaK OuT
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