White दिल हैरान है,
ख़्वाबों से परेशान है।
हर सुबह सवाल करता,
क्या ये जीने का अरमान है?
चाहतों की दौड़ में थका हुआ,
सुकून से कहीं दूर पड़ा हुआ।
खुद से ही अब लड़ता है,
क्या यही जीवन का सामान है?
आसमान के तारे भी मद्धम हैं,
दिल के ज़ख्म अब गहरे संगम हैं।
फिर भी उम्मीद के साए में जीता,
शायद यही उसका पहचान है।
©Avinash Jha
#good_night