a-person-standing-on-a-beach-at-sunset मेरे ज़हन में जब भी कोई दर्द उभर आता हैं
मैं समन्दर के उस किनारे को देखती हूँ
जिसे लहरें छू कर फ़िर वापस आ जाती हैं
हाँ... कुछ वक़्त तक रहती हैं लहरों के निशां
पर तपते धूप से वो किनारा सुख जाता हैं
और मैं उस किनारे में ढूंढती हूँ मेरे अस्तित्व को
जिसमें दर्द कुछ वक़्त के लिए आता हैं
और मेरे चेहरे पे आयी मुस्कान
मरहम बन उस दर्द को मिटा देती हैं
©Sonu Goyal
#SunSet