खुशी को रोक कर रखूं ।
ऐसा कोई बहाना न रहा
आज हमारी खुशी का ठिकाना न रहा।
आज हम निकल रहे थे उनके संग
जिनके रंग मे रंगा है मेरा अंग।
हम चल रहे थे सफर में उनके संग
जैसे बादलों में उमड़ रही थी उमंग।
ये सफर जैसे हमारा न रहा,
आज हमारी खुशी का ठिकाना न रहा।
उनकी नजरों में खुशी है दिखते
चेहरे पर जो मुस्कान है टिकते।
उनके कन्धे पर सिर रखकर टेकना,
बातो पर खिलखिला कर हॅसना।
इस पल की खुशी हम किसी को बता नही सकते,
और न इस पल की खुशी हम किसी को दिखा सकते।
ये पल सफर का हमारा गॅवारा न रहा,
आज हमारी खुशी का ठिकाना न रहा।
©Ms.(P.✍️Gurjar)
khushi ka thikana 😘🥰