White खंजर ने सीने पे नक़्श गहरे बना दिए,
आह चुप रही, मगर ज़माने को रुला दिए।
रुसवाई ने चेहरे से नक़ाब उतार दिए,
हर झूठ को आइने में बेपर्दा कर दिए।
हिसाब मांगा तो सन्नाटा हर सवाल में कर दिए,
रुआब टूटा, खंजर आस्तीन में छिपा दिए।
©नवनीत ठाकुर
#नक़ाब उतार दिए