White दिल-ए-नादां की चाहत क्या है? ज़ेहन की उलझी | हिंदी Poetry

"White दिल-ए-नादां की चाहत क्या है? ज़ेहन की उलझी सी जुस्तजू क्या है? परवाज़ जो ख्यालों संग मुक्तिला है, ज़िक्र ख़ुमरियो संग गमज़ादा है, क्या हाल हैं? क्या कमाल है? रब की सब करामात बेमिसाल है ©ALFAZ DIL SE"

 White दिल-ए-नादां की चाहत क्या है? 
ज़ेहन की उलझी सी जुस्तजू क्या है? 
परवाज़ जो ख्यालों संग मुक्तिला है, 
ज़िक्र ख़ुमरियो संग गमज़ादा है, 

क्या हाल हैं? 
क्या कमाल है? 
रब की सब करामात बेमिसाल है

©ALFAZ DIL SE

White दिल-ए-नादां की चाहत क्या है? ज़ेहन की उलझी सी जुस्तजू क्या है? परवाज़ जो ख्यालों संग मुक्तिला है, ज़िक्र ख़ुमरियो संग गमज़ादा है, क्या हाल हैं? क्या कमाल है? रब की सब करामात बेमिसाल है ©ALFAZ DIL SE

#Sad_shayri #DrDanQuote

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