ALFAZ DIL SE

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White कुछ अल्फज़ :- "सवेरा जो रोशनी लाए, अँधेरे को दुर भगाये ! ना उम्मीद सी जिंदगी में, उम्मीद की रोशनी दे जाये! टूटी लकीरे , टूटा हौसला, टूटी चाहत, फूटी किस्मत! सवर जाए, निखार जाए, जिंदगी बस तू मुस्कुराए!" ©ALFAZ DIL SE

#Motivational #GoodMorning #DrDanPoem  White कुछ अल्फज़ :-

"सवेरा जो रोशनी लाए,
अँधेरे को दुर भगाये !
ना उम्मीद सी जिंदगी में,
उम्मीद की रोशनी दे जाये!

टूटी लकीरे , टूटा हौसला,
टूटी चाहत, फूटी किस्मत!
सवर जाए, निखार जाए,
जिंदगी बस तू मुस्कुराए!"

©ALFAZ DIL SE

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12 Love

White कुछ अल्फज़ :- "जब भी लिखने चला मै, दर्द का जिक्र दिल से किया मै! कुछ आँसू ,कुछ सिस्किया, अल्फज़ोन संग बुन्ता चला मैं! एक नगमा जो दिल से जुड़े, जुडते वह ख्यालों से मिले! मिल्ते ही वह जज़्बातों संग लीप्ते, लिपटते ही आँखों संग झलके!" ©ALFAZ DIL SE

#GoodNight #DrDanPoem  White कुछ अल्फज़ :-

"जब भी लिखने चला मै,
दर्द का जिक्र दिल से किया मै!
कुछ आँसू ,कुछ सिस्किया,
अल्फज़ोन संग बुन्ता चला मैं!

एक नगमा जो दिल से जुड़े,
जुडते वह ख्यालों से मिले!
मिल्ते ही वह जज़्बातों संग लीप्ते,
लिपटते ही आँखों संग झलके!"

©ALFAZ DIL SE

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14 Love

White कुछ अल्फज़ :- "काफिराना सी आदत, तलब सी तिलावत! मुशरिफ़ सी ललक, मदहोश सी ख्वाहिशात! महरुम सा मैं, मशगुल सा मैं..." ©ALFAZ DIL SE

#DrDanQuote #sad_qoute  White कुछ अल्फज़ :-

"काफिराना सी आदत,
तलब सी तिलावत!

मुशरिफ़ सी ललक,
मदहोश सी ख्वाहिशात!

महरुम सा मैं,
मशगुल सा मैं..."

©ALFAZ DIL SE

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9 Love

White हज़ारों ख़्वाहिशें ऐसी कि हर ख़्वाहिश पे दम निकले बहुत निकले मिरे अरमान लेकिन फिर भी कम निकले डरे क्यूँ मेरा क़ातिल क्या रहेगा उस की गर्दन पर वो ख़ूँ जो चश्म-ए-तर से उम्र भर यूँ दम-ब-दम निकले निकलना ख़ुल्द से आदम का सुनते आए हैं लेकिन बहुत बे-आबरू हो कर तिरे कूचे से हम निकले मगर लिखवाए कोई उस को ख़त तो हम से लिखवाए हुई सुब्ह और घर से कान पर रख कर क़लम निकले हुई इस दौर में मंसूब मुझ से बादा-आशामी फिर आया वो ज़माना जो जहाँ में जाम-ए-जम निकले मोहब्बत में नहीं है फ़र्क़ जीने और मरने का उसी को देख कर जीते हैं जिस काफ़िर पे दम निकले कहाँ मय-ख़ाने का दरवाज़ा 'ग़ालिब' और कहाँ वाइ'ज़ पर इतना जानते हैं कल वो जाता था कि हम निकले ~Mirza Galib ©ALFAZ DIL SE

#GoodMorning #mirzagalib #DrDanQuote  White हज़ारों ख़्वाहिशें ऐसी कि हर ख़्वाहिश पे दम निकले


बहुत निकले मिरे अरमान लेकिन फिर भी कम निकले

डरे क्यूँ मेरा क़ातिल क्या रहेगा उस की गर्दन पर
वो ख़ूँ जो चश्म-ए-तर से उम्र भर यूँ दम-ब-दम निकले

निकलना ख़ुल्द से आदम का सुनते आए हैं लेकिन
बहुत बे-आबरू हो कर तिरे कूचे से हम निकले

मगर लिखवाए कोई उस को ख़त तो हम से लिखवाए
हुई सुब्ह और घर से कान पर रख कर क़लम निकले

हुई इस दौर में मंसूब मुझ से बादा-आशामी
फिर आया वो ज़माना जो जहाँ में जाम-ए-जम निकले

मोहब्बत में नहीं है फ़र्क़ जीने और मरने का
उसी को देख कर जीते हैं जिस काफ़िर पे दम निकले

कहाँ मय-ख़ाने का दरवाज़ा 'ग़ालिब' और कहाँ वाइ'ज़
पर इतना जानते हैं कल वो जाता था कि हम निकले

~Mirza Galib

©ALFAZ DIL SE

White कुछ अल्फज़ :- "किस दौड़ में है जिंदगी, किस होड मे है जिंदगी! किस और चली जिंदगी, हर छोर पे बिखरी है जिंदगी! पुछे क्या,सोचे क्या,करे क्या, बस फिजूल है जिंदगी! किस फितूर में है जिंदगी? क्या कसूर है लकीरों का, बस ना उम्मीद सा मै! कुछ हतश सा मै, कुछ परेशान सा मै!" ©ALFAZ DIL SE

#good_night #DrDanPoem  White  कुछ अल्फज़ :-

"किस दौड़ में है जिंदगी,
किस होड मे है जिंदगी!
किस और चली जिंदगी,
हर छोर पे बिखरी है जिंदगी!

पुछे क्या,सोचे क्या,करे क्या,
बस फिजूल है जिंदगी!
किस फितूर में है जिंदगी?

क्या कसूर है लकीरों का,
बस ना उम्मीद सा मै!
कुछ हतश सा मै,
कुछ परेशान सा मै!"

©ALFAZ DIL SE

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16 Love

White कुछ अल्फज़ :- जिंदगी की हयात, गुरबत सी ख़ुशी, गम संग गुज़ारे हर शाम! पूछो ना हाल-ए-दिल सनम, तेरी चाहत ने किये है कितने सितम! कुछ आसुओं संग बेहते है, कुछ दर्द संग धड़कनो से कहते हैं! इश्क एक तरफ़ा ही सही, मुकम्बल तो ख्यालों की दुनिया है! जहां इश्क भी कबूल है, मेरे जिस्म संग लिपटा मेहबूब है! ©ALFAZ DIL SE

#good_night #DrDanPoem  White कुछ अल्फज़ :-

जिंदगी की हयात,
गुरबत सी ख़ुशी,
गम संग गुज़ारे हर शाम!

पूछो ना हाल-ए-दिल सनम,
तेरी चाहत ने किये है कितने सितम!
कुछ आसुओं संग बेहते है,
कुछ दर्द संग धड़कनो से कहते हैं!

इश्क एक तरफ़ा ही सही,
मुकम्बल तो ख्यालों की दुनिया है!
जहां इश्क भी कबूल है,
मेरे जिस्म संग लिपटा मेहबूब है!

©ALFAZ DIL SE

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