तेरी खामोशियों से अजब काम हो गया
अच्छा भला अफसाना एक तमाम हो गया II
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सोचा था कि पहले नहीं बोलेंगे उससे
मगर सामने ही था कि यूँ ही सलाम हो गया II
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पहचानते हैं लोग अब मुझे तेरे नाम से
भला कब से तेरा नाम मेरे नाम हो गया II
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कीमत लगा लो जाँच कर कोई इसकी
जो शख्स तेरे प्यार मे नीलाम हो गया II
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कोई और नाम रख लो अगर रखना है यहाँ
क्योंकि ये "दीप" सारे शहर मे बदनाम हो गया II
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©Kuldeep Dahiya "मरजाणा दीप"
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