White कोई अपनापन दिखा रहा है,
पर हम ना अपनाएंगे।
अकेले रहना सीख लिया है,
अब साथ ना किसी का चाहेंगे।
भले ही रस्ते सुनसान हो,
हम पार कर जायेंगे।
वो इतिहास यादों में मिट गया,
दोबारा न दोहरायेंगे।
कहानियां चाहे हजारों लिखें,
पर किसी को ना सुनाएंगे।
जो अपना कहते थे,
उनकी यादों में मिट जाएंगे।
आजाद हैं अब ख़ुद से,
किसी बंधन में न बंध पायेंगे।
दुनियादारी सीख ली है,
अब खुद संभल जाएंगे।
दुनियां लाख बुरा कहे,
हम भूल जाएंगे।
©आधुनिक कवयित्री
आज़ाद.........