Red sands and spectacular sandstone rock formations लाजवाब है असर-ए-ग़म भी,
नेस्त-ओ-नाबूत हो रहे हम भी।
बेहतर ज़िन्दगी न जाने कहाँ है,
न जाने तुम कहाँ न जाने कहाँ हम भी।
दिल का घर है अब भी ख़ाली ही,
याद करता है दिल भी तुझे और हम भी।
शब-ओ-रात बहते हैं अश्क़ निग़ाहों से,
बेचैनों की तरह सो नही पाते हम भी।
किसको दूं आवाज़ आकर गले लगाए,
हमसे सब दूर हैं सबसे दूर हैं हम भी।
तेरी मोहोब्बत बस सपना ही रह गई,
क़िस्मत के आगे हार गए हम भी।
©V.k.Viraz
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