कैसे समझाएं तुम्हे क्यों तुम मेरे इतने अज़ीज़ हो, दि

"कैसे समझाएं तुम्हे क्यों तुम मेरे इतने अज़ीज़ हो, दिल के मेरे कितने करीब हो। साथ में मेरे यूँ ही रहना हमेशा मेरा सुकून बनकर, चाहते रहेंगें 'धीर' तुम्हें यूँ ही दिल में जुनून लेकर। यूँ तो बात करने को हैं हजारों, लेकिन 'धीर' को सिर्फ तुमसे करना पसंद है। नजर न लग जाये हमारे प्यार को दुनिया की, इसलिये किया तुम्हें दिल की गहराइयों में बंद है। मेरे जीवन की हो तुम एक सुरीली तान, 'धीर' के अधरों पर बिखरी मुस्कान हो तुम।। जब से तुमको पाया है बस तुम्हें ही गाया है, अपनी हर कविता के शब्दों में बस तुम्हें ही सजाया है। तुम शामिल हो मुझमें इस कदर, कि अब हमें हर चेहरा तुमसा लगता है। जो ना मिलो तुम कुछ पल भी हमें, जीवन रुका और दिल बस थमा सा लगता है। किसी के लिए हो अच्छे चाहे बुरे, पर धीर के दिल तुम बहुत करीब हो। इसलिए तुम मेरे हमदम मेरे हबीब हो मेरे दिल के बहुत करीब हो दिल के बहुत करीब हो।। ©Dheer"

 कैसे समझाएं तुम्हे क्यों तुम मेरे इतने अज़ीज़ हो,
दिल के  मेरे कितने करीब हो।
साथ में मेरे यूँ ही रहना हमेशा मेरा सुकून बनकर,
चाहते रहेंगें 'धीर' तुम्हें यूँ ही दिल में जुनून लेकर।
यूँ तो बात करने को हैं हजारों,
लेकिन 'धीर' को सिर्फ तुमसे करना पसंद है।
नजर न लग जाये हमारे प्यार को दुनिया की,
इसलिये किया तुम्हें दिल की गहराइयों में  बंद है।
मेरे जीवन की हो तुम एक सुरीली तान,
'धीर' के अधरों पर बिखरी मुस्कान हो तुम।।
जब से तुमको पाया है बस तुम्हें ही गाया है,
अपनी हर कविता के शब्दों में बस तुम्हें ही सजाया है।
तुम शामिल हो मुझमें इस कदर,
कि अब हमें हर चेहरा तुमसा लगता है।
जो ना मिलो तुम कुछ पल भी हमें,
जीवन रुका और दिल बस थमा सा लगता है।
किसी के लिए हो अच्छे चाहे बुरे,
पर धीर के दिल तुम बहुत करीब हो।
इसलिए तुम मेरे हमदम मेरे हबीब हो
मेरे दिल के बहुत करीब हो दिल के बहुत करीब हो।।

©Dheer

कैसे समझाएं तुम्हे क्यों तुम मेरे इतने अज़ीज़ हो, दिल के मेरे कितने करीब हो। साथ में मेरे यूँ ही रहना हमेशा मेरा सुकून बनकर, चाहते रहेंगें 'धीर' तुम्हें यूँ ही दिल में जुनून लेकर। यूँ तो बात करने को हैं हजारों, लेकिन 'धीर' को सिर्फ तुमसे करना पसंद है। नजर न लग जाये हमारे प्यार को दुनिया की, इसलिये किया तुम्हें दिल की गहराइयों में बंद है। मेरे जीवन की हो तुम एक सुरीली तान, 'धीर' के अधरों पर बिखरी मुस्कान हो तुम।। जब से तुमको पाया है बस तुम्हें ही गाया है, अपनी हर कविता के शब्दों में बस तुम्हें ही सजाया है। तुम शामिल हो मुझमें इस कदर, कि अब हमें हर चेहरा तुमसा लगता है। जो ना मिलो तुम कुछ पल भी हमें, जीवन रुका और दिल बस थमा सा लगता है। किसी के लिए हो अच्छे चाहे बुरे, पर धीर के दिल तुम बहुत करीब हो। इसलिए तुम मेरे हमदम मेरे हबीब हो मेरे दिल के बहुत करीब हो दिल के बहुत करीब हो।। ©Dheer

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