a-person-standing-on-a-beach-at-sunset सोच समझ का अब मोल नहीं है
रिश्तो में शब्द "अनमोल "नहीं है
दिखावे का जोर सही है
सच्चा जो कमजोर वही है
सोच समझ का अब मोल नहीं ;
समझदारी में लगते आरोप कईं हैं
अपेक्षाओं में मिलते दोष कई हैं
कभी समझ नहीं आता
तो कहीं कोई समझता नहीं है
जिंदगी की राहों के ये मोड़ वहीं हैं
सोच समझ का अब मोल नहीं है ;
होता कोई कमजोर नहीं है
दुख तोड़े उस पर अपना जोर नहीं है
स्वयं में खुद को समझो अनमोल
दूजो की सोच का कोई तोड़ नहीं है
सोच समझ का अब मोल नहीं है ;
©kanchan Yadav
#SunSet