White संभल कर बोलता था
मेरे अक्स को तौलता था
मेरे इश्क़ का मेहबूब वो
मुझे दुश्मन समझता था़
मुझसे ही छीन कर सबकुछ मेरा
दोयम दर्ज़े का मुझे समझता था
सारे इल्ज़ाम दे देता उसको कृति
उसका मेहबूब मेरे इश्क़ को ढ़ोंग समझता था
©Dr. Kritika Joshi (psycwriter)
#sad_quotes शुभ विचार आज का विचार अनमोल विचार 'अच्छे विचार'