पल्लव की डायरी दुआये और मंगल कामनाये रिश्तों में ह | हिंदी कविता

"पल्लव की डायरी दुआये और मंगल कामनाये रिश्तों में हो फुलवारी परिवारों की खिलती है भाई बहन के प्रेम की बानगी निःस्वार्थो से हटकर अटूट रिश्तों से बंधी होती है भाई दूज हो या राखी बहनों की भाई के प्रति सम्मान की डोर बनी रहती है भाई भी,पिता के बाद शुभचिंतक है बहनो का इसलिये ताउम्र बहनों का संरक्षक होता है पारम्परिक हर त्योहारों का समापन भारत मे भाई बहन के अटूट प्यार को गति दिलाने तिलक और राखी बांधकर होता है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव""

 पल्लव की डायरी
दुआये और मंगल कामनाये रिश्तों में हो
फुलवारी परिवारों की खिलती है
भाई बहन के प्रेम की बानगी
निःस्वार्थो से हटकर
अटूट रिश्तों से बंधी होती है
भाई दूज हो या राखी
बहनों की भाई के प्रति 
सम्मान की डोर बनी रहती है
भाई भी,पिता के बाद शुभचिंतक है बहनो का
इसलिये ताउम्र बहनों का संरक्षक होता है
पारम्परिक हर त्योहारों का समापन भारत मे
भाई बहन के अटूट प्यार को गति दिलाने
तिलक और राखी बांधकर होता है
                                           प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव"

पल्लव की डायरी दुआये और मंगल कामनाये रिश्तों में हो फुलवारी परिवारों की खिलती है भाई बहन के प्रेम की बानगी निःस्वार्थो से हटकर अटूट रिश्तों से बंधी होती है भाई दूज हो या राखी बहनों की भाई के प्रति सम्मान की डोर बनी रहती है भाई भी,पिता के बाद शुभचिंतक है बहनो का इसलिये ताउम्र बहनों का संरक्षक होता है पारम्परिक हर त्योहारों का समापन भारत मे भाई बहन के अटूट प्यार को गति दिलाने तिलक और राखी बांधकर होता है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव"

#angrygirl भाई ताउम्र बहनों का संरक्षक होता है
#nojotohindi

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