White हिंदू न खतरे में था, न है न कभी ये रहेगा, डर | हिंदी विचार

"White हिंदू न खतरे में था, न है न कभी ये रहेगा, डर का व्यापार करने वाला, खुद सजेगा। करोड़ों की आबादी बड़ा ली हमने, बताओ सच, तो फिर डर किस बात का। गुणवत्ता की जरूरत है, न कि मात्रा की, संख्या का क्या मोल, जब कमी हो ज्ञान की। प्लासी की लड़ाई भी सबक सिखा गई, इतनी बड़ी आबादी मुठ्ठी भर अंग्रेजों से हार गई। आज चंद यहूदियों ने दुनिया हिला दी, कर्म और बुद्धि से किस्मत बना दी। तो क्यों न हम अपने को मज़बूत बनाएं, गुण और शिक्षा से नई रीत लाएं। जरूरत है पुरुषार्थ की, परमार्थ की, धर्म को समझने वाले सच्चे विचार की। राजनीति की रोटियां सेंकना छोड़ो, धर्म को हथियार बनाना अब मोड़ो। आत्मबल से जीतें, प्रेम का दीप जलाएं, हिंदूत्व का मतलब सही सबको समझाएं। हिंदुत्व सिर्फ धर्म नहीं, बल्कि जीने का तरीका है, हर मनुष्य के उत्थान की सच्ची अभिव्यक्ति का तरीका है। ©नवनीत ठाकुर"

 White हिंदू न खतरे में था, न है न कभी ये रहेगा,
डर का व्यापार करने वाला, खुद सजेगा।
करोड़ों की आबादी बड़ा ली हमने,
बताओ सच, तो फिर डर किस बात का।

गुणवत्ता की जरूरत है, न कि मात्रा की,
संख्या का क्या मोल, जब कमी हो ज्ञान की।
प्लासी की लड़ाई भी सबक सिखा गई,
इतनी बड़ी आबादी मुठ्ठी भर अंग्रेजों से हार गई।

आज चंद यहूदियों ने दुनिया हिला दी,
कर्म और बुद्धि से किस्मत बना दी।
तो क्यों न हम अपने को मज़बूत बनाएं,
गुण और शिक्षा से नई रीत लाएं।

जरूरत है पुरुषार्थ की, परमार्थ की,
धर्म को समझने वाले सच्चे विचार की।
राजनीति की रोटियां सेंकना छोड़ो,
धर्म को हथियार बनाना अब मोड़ो।

आत्मबल से जीतें, प्रेम का दीप जलाएं,
हिंदूत्व का मतलब सही सबको समझाएं।
हिंदुत्व सिर्फ धर्म नहीं, बल्कि जीने का तरीका है,
हर मनुष्य के उत्थान की सच्ची अभिव्यक्ति का तरीका है।

©नवनीत ठाकुर

White हिंदू न खतरे में था, न है न कभी ये रहेगा, डर का व्यापार करने वाला, खुद सजेगा। करोड़ों की आबादी बड़ा ली हमने, बताओ सच, तो फिर डर किस बात का। गुणवत्ता की जरूरत है, न कि मात्रा की, संख्या का क्या मोल, जब कमी हो ज्ञान की। प्लासी की लड़ाई भी सबक सिखा गई, इतनी बड़ी आबादी मुठ्ठी भर अंग्रेजों से हार गई। आज चंद यहूदियों ने दुनिया हिला दी, कर्म और बुद्धि से किस्मत बना दी। तो क्यों न हम अपने को मज़बूत बनाएं, गुण और शिक्षा से नई रीत लाएं। जरूरत है पुरुषार्थ की, परमार्थ की, धर्म को समझने वाले सच्चे विचार की। राजनीति की रोटियां सेंकना छोड़ो, धर्म को हथियार बनाना अब मोड़ो। आत्मबल से जीतें, प्रेम का दीप जलाएं, हिंदूत्व का मतलब सही सबको समझाएं। हिंदुत्व सिर्फ धर्म नहीं, बल्कि जीने का तरीका है, हर मनुष्य के उत्थान की सच्ची अभिव्यक्ति का तरीका है। ©नवनीत ठाकुर

#हिंदू न खतरे में था, न है न कभी ये रहेगा,
डर का व्यापार करने वाला, खुद सजेगा।
करोड़ों की आबादी बड़ा ली हमने,
बताओ सच तो फिर डर किस बात का।

गुणवत्ता की जरूरत है, न कि मात्रा की,
संख्या का क्या मोल, जब कमी हो ज्ञान की।
प्लासी की लड़ाई भी सबक सिखा गई,

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