White कुछ अनजाना पर पहचाना हुआ सा
एक चुंबन हवा से आया
तब हवा ने मानो मुझे छूकर उस शख्स का
एहसास कराया...
जिसे पता नहीं मैं जानती हूं या अनजान हूँ ,,
पर वो लहजा बहुत ही खूबसूरत था,,
वो सर्द हवा,हल्की धूप और हवा का झोंका काफी था तुम्हारा होना महसूस कराने को,
हाँ भूली नहीं हूँ और शायद ना भूल पाओगी,,
बस हालातों ने जीने का लहजा बदल दिया।
उन किताब के पन्नों को पलट आगे बढ़ गई हूं ,
जो कभी बैठ कर लिखी थी तुम्हारे साथ
लेकिन आज इस हवा ने फिर
खामोशी से तुम्हारा खामोश पत्र भेज दिया है।
©Hymn
#good_night