White यूं तो मुझे लिखने का शौक नहीं,
मैं कह के भी ले सकता हूं इसमें कोई रोक नहीं,
वैसे तो हिम्मत सबके पास है लेकिन मेरे जैसा कोई बेखौफ नहीं,
यूं तो मुझे लिखने का शौक नहीं,
ता उम्र गुजारी है जिंदगी संघर्षों में जिसका कर सकता मैं जिक्र नहीं,
क्योंकि किसी को ऐसा नहीं ना लगे कि मुझे अपनों की फिक्र नहीं,
मेरा हर किरदार एक नई कहानी कहता है,
जिंदगी जहां तक ले जाए बस वही तक चलता है,
हम वह हैं जिन्होंने गिर कर चलना सीखा है,
जीवन में हर मोड़ पर मिठास मिले तो कैसे पता चलेगा की कुछ स्वाद फीका है,
ए जिंदगी अब क्या करूंगा इस 'आशीष' का,
कैसे मिटेगा दर्द उठती हर टीश का,
एक दिन मिटेगी लिखावट जब टूटेगी कलम की नोक,
अभी तो जीने दो जिंदगी बे रोक-टोक,
नहीं मनाऊंगा खुशियों का जसन
पता नहीं कब रेत मिल जाए रतन,
इंतहा खुशियों की हो न जाए सीने में दफन,
मेरी इन बातों पर तू इतना चौक नहीं,
यूं तो मुझे लिखने का नहीं शौक नहीं
©Asheesh Pandey
#Thinking