White क्यों चीख़ रहे तुम अब,
क्यों उफ़! हाय! चिल्लाते हो
गर्मी गर्मी चिल्लाने वालों
तुम छाया के लिए कितने वृक्ष लगाते हो?
जहाँ मन किया फैला दी गंदगी
जहाँ खाया तुमने, वहीं कूड़ा गिराते हो
फिर क्यों तुम अपनी गलतियों का इल्ज़ाम
सूरज पर लगाते हो
बतलाना तो ज़रा, प्रकृति की स्वच्छता के लिए
तुम क्या कर्तव्य निभाते हो?
नदियों को तुम गंदा करते
उसके पानी को तुम व्यर्थ बहाते हो
करते हो तुम अपनी मनमर्जी
फिर क्यों जल को खारा बताते हो
ज़रा बताओ ए नादानों!
पर्यावरण संरक्षण के लिए तुम
कौन सा कर्तव्य निभाते हो
©Harpinder Kaur
# पर्यावरण संरक्षण हमारी जिम्मेदारी है.... जिसने निभाओगे, तभी जीवन को सुरक्षित बना पाओगे ✍️ ( पर्यावरण दिवस)