मैं..नारी हूँ.. शब्दभेदी किशोर जिंद़गी की किताब मै | हिंदी कविता

"मैं..नारी हूँ.. शब्दभेदी किशोर जिंद़गी की किताब मैं पढ़ सकती हूँ.. ख़ामोश होकर हर रिश्तें को में निभाती हूँ.. काश के समज पाता मुझे कोई.. सब रिश्तों मैं अपना पुरा मन समर्पित किए रहती हूँ.. सिर्फ प्यार भरे रिश्तें मन से सहेजकर रखना मैं जानती हूँ.. मैं..नारी हूँ.. ©शब्दवेडा किशोर"

 मैं..नारी हूँ..
शब्दभेदी किशोर
जिंद़गी की किताब मैं पढ़ सकती हूँ..
ख़ामोश होकर हर रिश्तें को में निभाती हूँ..
काश के समज पाता मुझे कोई..
सब रिश्तों मैं अपना पुरा मन
समर्पित किए रहती हूँ..
सिर्फ प्यार भरे रिश्तें मन से
सहेजकर रखना मैं जानती हूँ..
मैं..नारी हूँ..

©शब्दवेडा किशोर

मैं..नारी हूँ.. शब्दभेदी किशोर जिंद़गी की किताब मैं पढ़ सकती हूँ.. ख़ामोश होकर हर रिश्तें को में निभाती हूँ.. काश के समज पाता मुझे कोई.. सब रिश्तों मैं अपना पुरा मन समर्पित किए रहती हूँ.. सिर्फ प्यार भरे रिश्तें मन से सहेजकर रखना मैं जानती हूँ.. मैं..नारी हूँ.. ©शब्दवेडा किशोर

#नारीशक्ति_नमस्तुते

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