"है कितना मुस्किल जिंदगानी लिखना।
तमाम मुस्किलों को आसानी लिखना।
महज़ खयाल ही नहीं जीना पड़ता है।
आसान नहीं होता है कहानी लिखना।
दिल जो कहता है मैं वही लिखता हूं।
मुझको आता नही बेईमानी लिखना।
कान्हा अब मीरा सी जोगन कोई नही
ना है कोई राधा सी दीवानी लिखना।
हर रोज खबरों में वही लूट वही क़त्ल।
जय आप कोई बात तूफानी लिखना।
मृत्युंजय विश्वकर्मा
©mritunjay Vishwakarma "jaunpuri""