कमलेश चिड़िया भी अब पड़ गईं अकेले
न जाने कितनों को मिटाएंगे इंसानों के मेले
इस धरती पर सब जीवों का हक है बराबर
फिर इंसान करता क्यों है इतने झमेले।
गुरू का ज्ञान अब बिक रहा है अँधेरे में
यारा इसीलिए नशे में डूबे हैं सारे चेले
बैलों की अब कोई जरूरत न रही
सूने पड़े हैं बिना उनके सारे तबेले।
©Kamlesh Kandpal
#Akele