बातों में कभी उन मुलाक़ातों में। झलकते हैं ख़्वाब, आ | हिंदी शायरी

"बातों में कभी उन मुलाक़ातों में। झलकते हैं ख़्वाब, आपके उन अनकही जज़्बातों में।। कभी करे शिकवा, कभी गिला करते हैं। न जाने क्यों आपके चमकते वह नैन, बिन बोले हमें घायल करते हैं।। बातों में, कभी मुलाक़ातों में, कभी लफ़्ज़ों से, कभी बिन बोले उन अल्फ़ाज़ों में...... ©BINOदिनी"

 बातों में
कभी उन मुलाक़ातों में।
झलकते हैं ख़्वाब,
आपके उन अनकही जज़्बातों में।।
कभी करे शिकवा,
कभी गिला करते हैं।
न जाने क्यों आपके चमकते वह नैन,
बिन बोले हमें घायल करते हैं।।
बातों में,
कभी मुलाक़ातों में,
कभी लफ़्ज़ों से,
कभी बिन बोले उन अल्फ़ाज़ों में......

©BINOदिनी

बातों में कभी उन मुलाक़ातों में। झलकते हैं ख़्वाब, आपके उन अनकही जज़्बातों में।। कभी करे शिकवा, कभी गिला करते हैं। न जाने क्यों आपके चमकते वह नैन, बिन बोले हमें घायल करते हैं।। बातों में, कभी मुलाक़ातों में, कभी लफ़्ज़ों से, कभी बिन बोले उन अल्फ़ाज़ों में...... ©BINOदिनी

#Hum #मोहब्बत

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