वेक्सीन जब नई नई आई थी, तब वो बड़ा खुद पर इठलाई

"वेक्सीन जब नई नई आई थी, तब वो बड़ा खुद पर इठलाई थी, उड़ गए होश उसके अचानक वेक्सीन पे अफवाहै गरमाई थी,, विकट समय था वायल भी ना खुलते थे, जान बचाने के स्वप्न आँखों मे झूलते थे, निकल पड़ते थे लक्ष्य प्राप्ति की और लक्ष्य पाने को खाना पीना भी भूलते थे,, द्वार द्वार जा ग्रामो मे लगाकर चौपाल, जवाब दिया उठे जो वेक्सीन पे सवाल, समझाया बुझाया वेक्सीन के लिए मनाया, लगाकर वेक्सीन किया कमाल,, एक दौर ऐसा भी हमने पाया था, वेक्सीन के लिए स्लॉट बुक करवाया था, जनजागृति ने किया कमाल एक दिन मे सर्वाधिक वेक्सीनेसन का रिकॉर्ड बनाया था,, ठण्ड, गर्मी, बरसात भी हम सह गए, जूनून के आगे परेशानियो के किले ढह गए, जन कल्याण की भावना लिए लगाई ऐसी वेक्सीन सारे विश्व के लोग देखते रह गए,, शून्य से शुरू हुआ सफर सो करोड़ पार हुआ, नदिया, ऊंचे पर्वत चढ़ इस आंकड़े को छुआ, स्वास्थ्य विभाग की टीम को नमन आप सभी की निष्ठा लगन के आगे आसमान भी बोना हुआ,, बधाई शुभकामनायें आप सभी को आज आप सभी ने पहनाया भारत को ये ताज़, सारी धरती गूंज रही गूंज रहा सारा आसमान तालियो की गड़गडाहट से विश्व करे तुमपे नाज,, ✍️नितिन कुवादे.... ©Nitin Kuvade"

 वेक्सीन जब नई  नई  आई  थी,
तब वो बड़ा खुद पर इठलाई थी,
उड़ गए  होश  उसके  अचानक
वेक्सीन पे  अफवाहै  गरमाई थी,,

विकट समय था वायल भी ना खुलते थे,
जान बचाने के स्वप्न आँखों मे झूलते थे,
निकल पड़ते थे लक्ष्य प्राप्ति की और
लक्ष्य पाने को खाना पीना भी भूलते थे,,

द्वार द्वार जा ग्रामो मे लगाकर चौपाल,
जवाब दिया उठे जो वेक्सीन पे सवाल,
समझाया बुझाया वेक्सीन  के  लिए
मनाया, लगाकर  वेक्सीन  किया कमाल,,

एक दौर  ऐसा  भी  हमने  पाया  था,
वेक्सीन के लिए स्लॉट बुक करवाया था,
जनजागृति ने किया कमाल एक दिन मे
सर्वाधिक वेक्सीनेसन का रिकॉर्ड बनाया था,,

ठण्ड, गर्मी, बरसात  भी  हम  सह गए,
जूनून के आगे परेशानियो के किले ढह गए,
जन कल्याण की भावना लिए लगाई ऐसी 
वेक्सीन सारे विश्व के लोग देखते रह गए,,

शून्य से शुरू हुआ सफर सो करोड़ पार हुआ,
नदिया, ऊंचे पर्वत चढ़ इस आंकड़े को छुआ,
स्वास्थ्य विभाग की टीम को नमन आप सभी
की निष्ठा लगन के आगे आसमान भी बोना हुआ,,

बधाई  शुभकामनायें  आप  सभी  को  आज
आप सभी ने पहनाया  भारत  को  ये  ताज़,
सारी धरती गूंज रही गूंज रहा सारा आसमान
तालियो की गड़गडाहट से विश्व करे तुमपे नाज,,

✍️नितिन कुवादे....

©Nitin Kuvade

वेक्सीन जब नई नई आई थी, तब वो बड़ा खुद पर इठलाई थी, उड़ गए होश उसके अचानक वेक्सीन पे अफवाहै गरमाई थी,, विकट समय था वायल भी ना खुलते थे, जान बचाने के स्वप्न आँखों मे झूलते थे, निकल पड़ते थे लक्ष्य प्राप्ति की और लक्ष्य पाने को खाना पीना भी भूलते थे,, द्वार द्वार जा ग्रामो मे लगाकर चौपाल, जवाब दिया उठे जो वेक्सीन पे सवाल, समझाया बुझाया वेक्सीन के लिए मनाया, लगाकर वेक्सीन किया कमाल,, एक दौर ऐसा भी हमने पाया था, वेक्सीन के लिए स्लॉट बुक करवाया था, जनजागृति ने किया कमाल एक दिन मे सर्वाधिक वेक्सीनेसन का रिकॉर्ड बनाया था,, ठण्ड, गर्मी, बरसात भी हम सह गए, जूनून के आगे परेशानियो के किले ढह गए, जन कल्याण की भावना लिए लगाई ऐसी वेक्सीन सारे विश्व के लोग देखते रह गए,, शून्य से शुरू हुआ सफर सो करोड़ पार हुआ, नदिया, ऊंचे पर्वत चढ़ इस आंकड़े को छुआ, स्वास्थ्य विभाग की टीम को नमन आप सभी की निष्ठा लगन के आगे आसमान भी बोना हुआ,, बधाई शुभकामनायें आप सभी को आज आप सभी ने पहनाया भारत को ये ताज़, सारी धरती गूंज रही गूंज रहा सारा आसमान तालियो की गड़गडाहट से विश्व करे तुमपे नाज,, ✍️नितिन कुवादे.... ©Nitin Kuvade

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