ये वक्त गुजर जायेगा
ये वक्त गुजर जायेगा
तेरी इस नादानी में
कुछ कर गुजर जाएगा
गर सम्भल गया जवानी में
झोंककर खुद को गया
याद रहेगी रवानी में
कंधा भारी सा लगेगा
पिछड़ गया बेपरवाही में
आज सम्भलना संभव है
बित गया सो पानी में
हवा बाजियां खुब की
फिसल गया मेहरबानी में
हाथ थमा था पापा का
अब जिम्मेदारी आनी है
समाज का बन बेठ तू
अभी सबकी बानी में
हारना ना सीख तूं
जीत तेरी जुबानी है
सूर्य सा तूं तेज बन
आग निकाली जानी है
तप कर तूं ओज बन
योद्धा बन बलवानी है
हंसकर तूं बोला कर
यही आमवाणी है
साथ चलकर साथ निभा
खुद की डगर बनानी है
मखमल सा तूं कोमल बन
पत्थर दिल बात पुरानी है
देख तेरी कदर को अब
कमबख़्त में तेरी निशानी है
ये वक्त गुजर जायेगा
तेरी इस नादानी में
©Khuman Singh
#Hope #time_is_most_important