White तुम हो स्थिर एक अणु सा, चुम्बकीय आवेश मैं हूँ।
ज़िंदगी के भाग में तू भागफल, और शेष मैं हूँ।
ज्ञान का भंडार तुम हो,विज्ञता के शीर्ष पर तुम।
ज्ञान के उस पात्र में से शेष का अवशेष मैं हूँ ।
ज़िंदगी के भाग में तू भागफल, और शेष मैं हूँ।
हल हो तुम प्रश्नों का प्रिय तो हर परीक्षा में विफल मैं।
हो समय का आज तुम तो ना कभी आया वो कल मैं ।।
मैने किसका किया बिगाड़ा मैं ही पीड़ित प्रश्न मुझपर ।
बात संबंधों की हो तो मित्रता तुम, क्लेश मैं हूँ।
ज़िंदगी के भाग में तू भागफल और शेष मैं हूँ।।
प्रेम जो मैने लिखा वो अश्रुओं में बह गया था ।
तुम पथिक बढ़ते गए मैं देखता ही रह गया था।
पात्र हम-तुम बन गए हैंफिर कहानी यूँ लिखी की,
चीख कर कहता कथानक प्रीत तुम और द्वेष मैं हूँ ।
ज़िंदगी के भाग में तू भागफल और शेष मैं हूँ।।
मूढ़ था आकाश को छुने की जो कोशिश किया था।
व्योम की उस व्याप्तता में मैं भटकता रह गया था।
ना मिला गंतव्य मुझको किसको क्यूँ मैं दोष देता
ना पता था मुझको प्रियवर तुम हो व्यापक लेश मैं हूँ।
ज़िंदगी के भाग में तू भागफल और शेष मैं हूँ।।
©Madhusudan Shrivastava
#moon_day
ज़िंदगी के भाग में तू भागफल और शेष मैं हूँ @Kumar Shaurya @MM Mumtaz Pyare ji Shilpa Yadav @Vishalkumar "Vishal"